Saturday, October 5, 2013

कारा
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दाना है ,
पानी है ,
सलाखे ....!
पिंजरा .......!!
कारा ..........?

नहीं नहीं नीड़ ,
नहीं नहीं कारा ....

नहीं नीड़ ,
नहीं कारा....

नीड़ ,
कारा...

नीड़ ,
हां नीड़
फडफडाहट में पर ही जख्मी हुए ...
अन्तंत उसने समझौतो की थपकियों
से मन को सुला दिया .......!!!

प्रवेश सोनी

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