Monday, October 7, 2013
यही था उसका दोष
वो नारी थी
अहिल्या ....
छली गई ...नर से ,
शापित हुई ..नर से ,
उद्धार हुआ ...नर से ....
अंततः नारी
मादा
होकर मर जाती है
नर
बहुरूप में
आदि से अनादि तक
जीवित हैं....!!!
प्रवेश सोनी
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