Tuesday, August 10, 2010


वेदना का मोन निमंत्रण
आँख से चल पड़ा,
ना जाने कोनसे मन पे
देगा दस्तक .....
किस मन से पायेगा
अनुभूति का आधार
किस हर्प में
शब्द बन जुडेगा ...
ना जाने किस कथा का
होगा आधार ..
आबे -गंगा से भी
पूछ लेगा ,
कितना मैला में ,
तू कितना पावन ...
दर्द मेने दिल का धोया
तुने धोया किसका अंतर्मन ....?

प्रवेश सोनी
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