Wednesday, February 11, 2015

एक ठहरा सा मौसम ..
सिसकती सी फिज़ा..
दिल का अक्स
डूब जाता है
यांदो के समंदर में ..

पुकार तो लू तुझे ...
राग के साज़ में ,
तू सुनने से मुकर जाए
तो ....
जीवन स्वर रूठ जाए ना कही ...!!

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